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हैं, जो शरीर की फिटनेस बढ़ाते हैं और हमें
ओटमील बनाने के लिए छिलके वाले ओट्स जो आप बाज़ार से खरीदते है, वह अंकुरित नहीं होते हैं। अनाज अंकुरित करने के लिए कच्चे एवं जैविक साबुत अनाज जिनके छिलके न निकाले गये हो, उनकी जरूरत होती है। दूसरे तरह के अनाज सिर्फ भिगोये। आप ओटमील को मिसो पेस्ट (जो सोयाबीन और जौ के साथ किण्वित किया जाता है) के साथ रात भर किण्वित करके उसका उपयोग कर सकते हैं, ताकि आपके शरीर में जीवित संवर्धित जीवाणु (लाइव कल्चर) बढ़ सकें।
अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो मूंग दाल स्प्राउटस सबसे बैस्ट ऑपशन है। नाशते में एक बाउल स्पाउट्स खाने से पेट दिनभर भरा रहता है, जिससे आप ओवरइटिंग से बच जाते हैं और वजन कंट्रोल में रहता है।
स्प्राउटस में विटामिन सी की मात्रा पाई जाती है, जिससे शरीर में व्हाोइट ब्लड सेल्स का विकास होता है. व्हावइट ब्लड सेल्स शरीर में होने वाले इन्फेक्शन्स और बीमारियों से लड़ने में सहायक होते है.
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इसमें मौजूद एंटीआक्सीडेंट्स गुण शरीर से विषैले टॉक्सिंस को निकालने में मदद करते हैं, जिससे आप कब्ज और पेट से जुड़ी समस्याओं से बचे रहते हैं।
कई तरह के अनाज और फलियों से स्प्राउट बनाया जा सकता है. इनको अंकुरित करने पर इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स कई गुना बढ़ जाते हैं.
वे प्रोटीन में उच्च हैं. आप इनका सेवन सलाद के रूप में कर सकते हैं.
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कुछ मामलों में अंकुरित अनाज हानिकारक साबित हो सकते हैं, जिस बारे में हम आगे बता रहे हैं। साथ ही स्प्राउट्स कब खाना चाहिए इस बारे में भी बताएंगे।
अंकुरित अनाज क्या है और कितने प्रकार के होते हैं?
एक फल या अन्न को पेड़ पर प्राकृतिक रूप से पकने का अर्थ है- उसके अन्दर के बीज का पूर्णता को प्राप्त हो जाना एवं बोने के बाद अपनी वंश परंपरा को आगे बढ़ाने की योग्यता आ जाना, परन्तु उसे अग्नि पर पकाने के navigate here पश्चात् क्या उस बीज में यह योग्यता शेष रह पाती है?
प्रैग्नेंसी में महिलाओं को अपनी डाइट का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। ऐसे में स्प्राउट्स का सेवन आपके लिए बेहतरीन ऑप्शन है क्योंकि इसमें मौजूद पोषक तत्व मां और बच्चे दोनों को स्वस्थ रखते हैं। साथ ही इससे प्रैग्नेंसी के दौरान खून की कमी नहीं होती।